मैं तेरी आँखों का साहिल
मैं तेरे दिल के ही क़ाबिल
तू मुसाफ़िर, मैं तेरी मंज़िल
इश्क़ का दरिया है बहता
“डूब जा, ” तुझसे है कहता
हाँ, मेरी बाँहों में आ के मिल
हाँ, वो शराबी क्या शराबी
दिल में जिसके ग़म ना हो?
लुट गया समझो शराबी,
पास जिसके हम ना हों
ओ, साक़ी-साक़ी, रे, साक़ी-साक़ी
आ, पास आ, रह ना जाए
कोई ख्वाहिश बाक़ी
ओ, साक़ी-साक़ी, रे, साक़ी-साक़ी
आ, पास आ, रह ना जाए
कोई ख्वाहिश बाक़ी
तेरे जैसी माशूक़ा मुझे यार चाहिए
ना पैसा चाहिए, ना ही क़रार चाहिए
हो, तेरे जैसी माशूक़ा मुझे यार चाहिए
ना पैसा चाहिए, ना ही क़रार चाहिए
ये हुस्न का है खुमार मेरा,
तुझ पे है छाया जो
क़ुर्बां हुआ जो मुझ पे
खुशनसीब बड़ा है वो
वो शराबी क्या शराबी
दिल में जिसके ग़म ना हो?
लुट गया समझो शराबी,
पास जिसके हम ना हों
(साक़ी, साक़ी, सा…)
ओ, साक़ी-साक़ी, रे, साक़ी-साक़ी
आ, पास आ, रह ना जाए कोई ख़ाहिश बाक़ी
ओ, साक़ी-साक़ी, रे, साक़ी-साक़ी
आ, पास आ, रह ना जाए
कोई ख़ाहिश बाक़ी