तेरी-मेरी आँखों ने
मिल के जो ख़ाब बुने
वो बड़े प्यारे थे
तेरे-मेरे पाँव चलें
मिल के, दो पैरों तले
तारे ही तारे थे
सारी बातें मुझे याद हैं,
वो चाँद रातें मुझे याद हैं
मुझे भी तेरे हाथों की नरमियाँ याद हैं
वो मासूम, प्यारी सी बेशर्मियाँ याद हैं
याद है सब, मुझे याद है,
सारी बातें मुझे याद हैं
याद है सब, मुझे याद है,
सारी बातें मुझे याद हैं
याद है तुम को वो बरसातें
जब मिल के हम भीगे थे?
क्यूँ अंदर से आँच उठी
जब बाहर से हम गीले थे?
कैसी थी वो बेफ़िक्री,
गुज़री फिर भी ना गुज़री
ऐसी शामें मुझे याद हैं,
ऐसी बातें मुझे याद हैं
कोई जान के जान से तो गुज़रता नहीं
कभी अपनी मर्ज़ी से कोई बिछड़ता नहीं
याद है सब, मुझे याद है,
सारी बातें मुझे याद हैं
याद है सब, मुझे याद है,
सारी बातें मुझे याद हैं
काँधे पे सर रख के तेरे
सोई थी मैं कितनी देर
ढूँढ रही थी दुनिया मुझको,
खोई थी मैं कितनी देर
कैसी थी वो बेफ़िक्री,
गुज़री फिर भी ना गुज़री
सारी शामें मुझे याद हैं,
सारी बातें मुझे याद हैं
जो होंठों से ना कह सका
हर्फ़ वो भी तो है
जो आँखों से ना बह सका
दर्द वो भी तो है
याद है सब, मुझे याद है,
सारी बातें मुझे याद हैं
याद है सब, मुझे याद है,
सारी बातें मुझे याद हैं