Yeh Gham Kya Dil Ki Aadat Hai? – Jaun Elia’s Poignant Shayari
Yeh Gham Kya Dil Ki Aadat Hai?
Explore Jaun Elia’s heartfelt Shayari that delves into the depths of love and longing. This ghazal, ‘Yeh Gham Kya Dil Ki Aadat Hai?’ reflects on the complexities of human emotions, offering profound insights.
यह गम क्या दिल की आदत है? हिन्दी में
यह गम क्या दिल की आदत है? नहीं तो
किसी से कुछ शिकायत है? नहीं तो
है वो इक ख्वाब-ए-बे ताबीर इसको
भुला देने की नीयत है? नहीं तो
किसी के बिन किसी की याद के बिन
जिए जाने की हिम्मत है ? नहीं तो
तुझे जिसने कहीं का भी ना रखा
वो एक ज़ाती सी वेहशत है? नहीं तो
किसी सूरत भी दिल लगता नहीं? हाँ
तू कुछ दिन से यह हालत हैं? नहीं तो
तेरे इस हाल पर हैं सब को हैरत
तुझे भी इस पर हैरत है? नहीं तो
हम-आहंगी नहीं दुनिया से तेरी
तुझे इस पर नदामत है? नहीं तो
वो दरवेशी जो तज कर आ गया…..तू
यह दौलत उस की क़ीमत है? नहीं तो
अज़ीयत नाक उम्मीदों से तुझको
अमन पाने की हसरत है? नहीं तो
हुआ जो कुछ यही मक़्सूम था क्या
यही सारी हकायत है ? नहीं तो
तू रहता है ख़्वाब ओ ख़्याल में गुम
तो इस वजह से फुर्सत है? नहीं तो
वहां वालों से है इतनी मोहब्बत
यहां वालों से नफ़रत है? नहीं तो
सबब जो इस जुदाई का बना है
वो मुझसे खूबसूरत है? नहीं तो