Sayeed Rahi’s Mere Jaise Ban Jaoge Jab Ishq Tumhe Ho Jayega Love Ghazal
Mere Jaise Ban Jaoge Jab Ishq Tumhe Ho Jayega
Sayeed Rahi’s Mere Jaise Ban Jaoge Jab Ishq Tumhe Ho jayega Love Ghazal – Explore the poetic journey of love in this heartfelt ghazal by Sayeed Rahi, where love’s transformative power is beautifully expressed. Each verse captures the profound changes that occur when love takes hold of the heart, from braving obstacles to shedding old memories and welcoming new beginnings. Dive into the realm of emotions as you read about the impact of love’s arrival in this touching ghazal.
मेरे जैसे बन जाओगे जब इश्क़ तुम्हें हो जाएगा हिन्दी में
मेरे जैसे बन जाओगे जब इश्क़ तुम्हें हो जाएगा
दीवारों से सर टकराओगे जब इश्क़ तुम्हें हो जाएगा
हर बात गवारा कर लोगे मिन्नत भी उतारा कर लोगे
ता’वीज़ें भी बँधवाओगे जब इश्क़ तुम्हें हो जाएगा
तन्हाई के झूले खोलेंगे हर बात पुरानी भूलेंगे
आईने से तुम घबराओगे जब इश्क़ तुम्हें हो जाएगा
जब सूरज भी खो जाएगा और चाँद कहीं सो जाएगा
तुम भी घर देर से आओगे जब इश्क़ तुम्हें हो जाएगा
बेचैनी बढ़ जाएगी और याद किसी की आएगी
तुम मेरी ग़ज़लें गाओगे जब इश्क़ तुम्हें हो जाएगा