Mere Junoon Ka Nateeja Zaroor Niklega- Ghazal by Ameer Qazalbash
Mere Junoon Ka Nateeja
Mere Junoon Ka Nateeja by Ameer Qazalbash – Delve into the poetic brilliance of Ameer Qazalbash as we unravel the profound verses that explore themes of passion, belief, and resilience. Explore the powerful emotions and vivid imagery in his poetry that resonate with the human experience.
मिरे जुनूँ का नतीजा हिन्दी में
मिरे जुनूँ का नतीजा ज़रूर निकलेगा
इसी सियाह समुंदर से नूर निकलेगा
गिरा दिया है तो साहिल पे इंतिज़ार न कर
अगर वो डूब गया है तो दूर निकलेगा
उसी का शहर वही मुद्दई वही मुंसिफ़
हमें यक़ीं था हमारा क़ुसूर निकलेगा
यक़ीं न आए तो इक बात पूछ कर देखो
जो हँस रहा है वो ज़ख़्मों से चूर निकलेगा
उस आस्तीन से अश्कों को पोछने वाले
उस आस्तीन से ख़ंजर ज़रूर निकलेगा